Thursday, October 17, 2013

१) एक अच्छा सा ड्रेस पसंद आता है, दूकान में कपड़ो की भीड़ में बहोत ही सीधा साधासा लगता है लेकिन फिर भी वही पसंद आता है और आप कोई दूजा ड्रेस लेकर बाहर आते है !
और रस्ते भर सोचते है काश वही ड्रेस ले लेते....!
२) सिग्नलपर गाड़ी रूकती है,एक छोटा बच्चा विंडो खड्काता है,मीठा हस्ता है, भिक मांगने वाला है ये ध्यान आता है, उसकी हसी की तरफ ध्यान न देते हुए मन ही मन सोचते है दो तीन रुपये दे दिए जाये उसको,कठिनाई से चिल्लर धुंडते "दू या न दू" इसका युद्ध मन में चलता रहता है और तभी सिग्नल छूटता है और गाड़ी आगे लेनी पड़ती है !
थोडा आगे जाने पर मन में आता है चिल्लर पैसे थे काश उस बच्चे को दे देते.....!
३) खाने की छुट्टी में ऑफिस का दोस्त उसके घर की तकलीफ बड़े विश्वास से आपको बताता है, उसकी आँखों में दर्द के बादल दिखाई देते है ! बुरा लगता है बहोत, साथ ही साथ आप उस परिस्तिथि में नहीं इसकी ख़ुशी दिल ही दिल में होती है ! कुछ मदद चाहिए क्या ऐसा पूछने का कर्तव्य होता है फिर भी आप चुप रहते है ! खाने की छुट्टी ख़त्म होती है वो उसके आप आपके काम में लग जाते है,
क्षणभर खुद पे बड़ा घुस्सा आता है मदद तो पूछी नहीं कमसे कम उसके कंधेपर सहानभूति से हाथ ही रख देते !

ऐसा ही होता है हमेशा,छोटी छोटी बाते रह जाती है,
सच तो ये है की ये छोटी छोटी बाते ही जीने की वजह होती है !
बीते हुए क्षण वापस नहीं आते रह जाती है एक टिस !

पसंदीदा गाने पे गुनगुनाये नहीं तो खाक जिए,
अपनों के दर्द में आँख न भर आये तो खाक जिए,
दोस्तों के फालतू जोक्स पे पेट पकड़ कर न हँसा जाये तो खाक जिए
ख़ुशी में ख़ुशी और दर्द में दर्द न महसूस करो तो कैसी लाइफ ?

Good Morning