Thursday, October 17, 2013

१) एक अच्छा सा ड्रेस पसंद आता है, दूकान में कपड़ो की भीड़ में बहोत ही सीधा साधासा लगता है लेकिन फिर भी वही पसंद आता है और आप कोई दूजा ड्रेस लेकर बाहर आते है !
और रस्ते भर सोचते है काश वही ड्रेस ले लेते....!
२) सिग्नलपर गाड़ी रूकती है,एक छोटा बच्चा विंडो खड्काता है,मीठा हस्ता है, भिक मांगने वाला है ये ध्यान आता है, उसकी हसी की तरफ ध्यान न देते हुए मन ही मन सोचते है दो तीन रुपये दे दिए जाये उसको,कठिनाई से चिल्लर धुंडते "दू या न दू" इसका युद्ध मन में चलता रहता है और तभी सिग्नल छूटता है और गाड़ी आगे लेनी पड़ती है !
थोडा आगे जाने पर मन में आता है चिल्लर पैसे थे काश उस बच्चे को दे देते.....!
३) खाने की छुट्टी में ऑफिस का दोस्त उसके घर की तकलीफ बड़े विश्वास से आपको बताता है, उसकी आँखों में दर्द के बादल दिखाई देते है ! बुरा लगता है बहोत, साथ ही साथ आप उस परिस्तिथि में नहीं इसकी ख़ुशी दिल ही दिल में होती है ! कुछ मदद चाहिए क्या ऐसा पूछने का कर्तव्य होता है फिर भी आप चुप रहते है ! खाने की छुट्टी ख़त्म होती है वो उसके आप आपके काम में लग जाते है,
क्षणभर खुद पे बड़ा घुस्सा आता है मदद तो पूछी नहीं कमसे कम उसके कंधेपर सहानभूति से हाथ ही रख देते !

ऐसा ही होता है हमेशा,छोटी छोटी बाते रह जाती है,
सच तो ये है की ये छोटी छोटी बाते ही जीने की वजह होती है !
बीते हुए क्षण वापस नहीं आते रह जाती है एक टिस !

पसंदीदा गाने पे गुनगुनाये नहीं तो खाक जिए,
अपनों के दर्द में आँख न भर आये तो खाक जिए,
दोस्तों के फालतू जोक्स पे पेट पकड़ कर न हँसा जाये तो खाक जिए
ख़ुशी में ख़ुशी और दर्द में दर्द न महसूस करो तो कैसी लाइफ ?

Good Morning

Friday, September 20, 2013

एक बौछार था वो शख्स 
बिना बरसे
किसी अब्र की सहमी सी नमी से 
जो भिगो देता था
राहुलजी के भाषण को सुनने के बाद मुझे मेरा बचपन का सपना पूरा होता दिखाई
दे रहा है..................

पहले चार रोटी खाऊँगा , फिर दो दिन दवाई खाऊँगा
रात को बड़े -बड़े सपने देखुंगा ,...
सबके बाद राहुलजी के बताये मार्ग पर चलते हुए
हवाई जहाज भी उड़ाऊंगा ?
कौन कौन मेरे साथ हवाई जहाज़ में आना चाहता है अपने हाथ ऊपर करे
गुजरात दंगो का सच (मनगड़ंत) तो छाती ठोक के दिखा देती है मीडिया लेकिन असम दंगा, मुज़फ्फरनगर दंगो को नाम देती है जातीय तनाव, ये कैसा समाज का आइना है जो देखता कुछ है दिखता कुछ है ! गुजरात में मरे वो थे मुस्लिम और असम,मुज़फ्फरनगर में मरने वाले होते है अल्पसंख्यक, ये कैसी दोहरा मापदंड है मीडिया का ?
विकास के, भ्रष्टाचार के, समाज के सारे मुद्दों को बगल में रख रात दिन मीडिया आसाराम बापू के पीछे पड़ी है, अगर वो गुनाहगार है तो उनको सजा जरुर मिलनी चाहिए लेकिन ये क्या की तुम समाज को ही गुमराह करते फिरो, अभी आज ही आजतक न्यूज़ फ़्लैश करता है की आसाराम को क्यों चाहिए महिला वैध वो भी दो घंटे के लिए ? क्या ये तरीका सही है एक जिम्मेवार नेशनल न्यूज़ पे इस तरह की न्यूज़ प्रसारित करने का ? 
रही बात Trigeminal_neuralgia नामक बीमारी की तो क्यों नहीं हो सकती वो किसी को ? खुद मेरे घर में एक मरीज़ है इस बीमारी का !

हमारा पप्पू

एक बार की बात है , हमारा जीरो बटे सन्नाटा पप्पू और हमारी पप्पी  किसी किराए के घर में रहने पहुंचा . अगली सुबह , जब वे नाश्ता कर रहे थे , तभी पप्पी ने खिड़की से देखा कि सामने वाली छत पर कुछ कपड़े फैले हैं , – “ लगता है इन लोगों को कपड़े साफ़ करना भी नहीं आता …ज़रा देखो तो कितने मैले लग रहे हैं ? “

पप्पू ने उसकी बात सुनी पर अधिक ध्यान नहीं दिया .

एक -दो दिन बाद फिर उसी जगह कुछ कपड़े फैले थे . पप्पी ने उन्हें देखते ही अपनी बात दोहरा दी ….” कब सीखेंगे ये लोग की कपड़े कैसे साफ़ करते हैं …!!”

पप्पू सुनता रहा पर इस बार भी उसने कुछ नहीं कहा .

पर अब तो ये आये दिन की बात हो गयी , जब भी पप्पी कपडे फैले देखती भला -बुरा कहना शुरू हो जाती .

लगभग एक महीने बाद वे यूँ हीं बैठ कर नाश्ता कर रहे थे . पप्पी ने हमेशा की तरह नजरें उठायीं और सामने वाली छत
की तरफ देखा , ” अरे वाह , लगता है इन्हें अकल आ ही गयी …आज तो कपडे बिलकुल साफ़ दिख रहे हैं , ज़रूर किसी ने टोका होगा !”

पप्पू  बोल , ” नहीं उन्हें किसी ने नहीं टोका .”
” तुम्हे कैसे पता ?” , पप्पी ने आश्चर्य से पूछा .

” आज मैं सुबह जल्दी उठ गया था और मैंने इस खिड़की पर लगे कांच को बाहर से साफ़ कर दिया , इसलिए तुम्हे कपडे साफ़ नज़र आ रहे हैं . “, पप्पी ने बात पूरी की .


शुभ रात्रि 

Friday, August 16, 2013

एक मोटर मैकेनिक कार के इंजन के पुर्जे खोलकर
सुधार रहा था कि तभी शहर के नामचीन हार्ट
सर्जन
उसकी गैराज में आ पहुँचे...
मैकेनिक ने डॉक्टर साहब से कहा,
' जरा इस इंजन को देखिये डॉक्टर साहब, मैंने
इसके
दिल को खोलकर वाल्व निकाले और सुधार कर
वापस
लगा दिये हैं..कुछ ऐसा ही काम आप भी करते
हैं..फिर
हमारी सैलरी में इतना अन्तर क्यों है...?
डॉक्टर साहब मुस्कुराये और धीरे से मैकेनिक के
कान
में बोले,
.
.
" यही काम तब करके दिखाओ जब इंजन चालू
हो "...

Tuesday, August 13, 2013

बड़ा आसान होता है एक नजर, दो लफ्जों और चार दिनों में राय बना लेना.. लेकिन क्या बेहतर न होता अगर तुम मेरे बारे में अपनी राय बनाने से पहले कम से कम दो क़दम मेरे साथ चल कर देखते.. मुझसे एक बार पूछ कर देखते.. मेरी जिंदगी, मेरी खुशियाँ और ग़म, मेरी दुविधाएं और परेशानिया, मेरे दर्द और अहसास समझने की एक बार कोशिश तो करते.

याद रखना तुम कि "कहानी हर किसी की होती है"..

फर्क बस इतना है कि कुछ कहानियाँ अपने निशां होठों पर छोडती हैं, तो कुछ सूखी लकीरें गालों पर.. अब इसमें मेरा क्या दोष अगर मेरा पूरा चेहरा ही स्याह है.
काम प्रेम की अभिव्यक्ति है . और यदि आप प्रेम से नहीं सिर्फ बेमन से काम कर सकते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपना काम छोड़ दें और मंदिर के गेट पर बैठ कर उनसे भीख लें जो ख़ुशी से काम करते हैं .
एक मोटर मैकेनिक कार के इंजन के पुर्जे खोलकर
सुधार रहा था कि तभी शहर के नामचीन हार्ट
सर्जन
उसकी गैराज में आ पहुँचे...
मैकेनिक ने डॉक्टर साहब से कहा,
' जरा इस इंजन को देखिये डॉक्टर साहब, मैंने
इसके
दिल को खोलकर वाल्व निकाले और सुधार कर
वापस
लगा दिये हैं..कुछ ऐसा ही काम आप भी करते
हैं..फिर
हमारी सैलरी में इतना अन्तर क्यों है...?
डॉक्टर साहब मुस्कुराये और धीरे से मैकेनिक के
कान
में बोले,
.
.
" यही काम तब करके दिखाओ जब इंजन चालू
हो "...

Saturday, July 6, 2013

हमारा पप्पू

कृपया कमज़ोर दिल वाले न पढ़ें।

यह
एक सच्ची घटना है जो पिछले महीने लोनावाला के पास घटी। अपना जीरो बटे सन्नाटा पप्पू  मुम्बई से पुणे अपनी कार से जा रहा था। जब वह घाट के पास पहुँचा तभी अनहोनी घटी। उसकी कार खराब हो गई और वहाँ दूर-दूर तक कोई नज़र भी नहीं आ रहा था। वह किसी कार से पास के कस्बे तक लिफ्ट लेने की आशा में सड़क के किनारे-किनारे चलने लगा। 
रात अँधेरी और तूफानी थी। पानी झमाझम बरस रहा था।जल्दी ही वह पूरी तरह भीग गया और काँपने लगा। उसे कोई कार नहीं मिली और पानी इतनी तेज बरस रहा था कि कुछ मीटर दूर की चीजें भी नहीं दिखाई दे रही थीं। तभी उसने एक कार को अपनी तरफ आते देखा जो उससे पास आकर धीरे हो गई। पप्पू ने आव देखा न ताव, झट से कार का पिछला दरवाजा खोला और अंदर कूद गया। 
जब वह अपने मददगार को धन्यवाद देने के लिए आगे झुका तो उसके होश उड़ गए क्योंकि ड्राइवर की सीट खाली थी।आगे की सीट खाली और इंजन की आवाज़ न होने के बावजूद भी कार सड़क पर चल रही थी। पप्पू ने तभी आगे सड़क पर एक मोड़ देखा। अपनी मौत नजदीक देख पप्पू जोर-जोर से भगवान को याद करने लगा। तभी खिड़की से एक हाथ आया और उसने कार के स्टीयरिंग व्हील को मोड़ दिया। कार मोड़ से सकुशल आगे बढ़ गई। पप्पू बुरी तरह भयभीत हो कर देखता रहा कि कैसे हर मोड़ पर खिड़की से एक हाथ अंदर आता और स्टीयरिंग व्हील को मोड़ देता। आखिरकार पप्पू को कुछ दूरी पर रोशनी दिखाई दी। पप्पू  झट से दरवाजा खोल कर नीचे कूदा और सरपट रोशनी की तरफ दौड़ा। यह एक छोटा सा कस्बा था। वह सीधा एक ढाबे में रुका और पीने को पानी माँगा।फिर वह बुरी तरह रोने लगा। थोड़ी देर बाद सामान्य होने पर उसने अपनी भयानक कहानी सुनानी शुरु की। 
ढाबे में सन्नाटा छा गया कि तभी............
......संता और बंता ढाबे में पहुँचे और संता पप्पू की तरफ इशारा करके बंता से बोला कि अरे
यही वही बेवकूफ लड़का है ना जो हमारी कार में कूदा था जब हम कार को धक्का लगा रहे थे...

Thursday, May 30, 2013

ऐसा सिर्फ हिंदी फिल्मो में ही होता है

ऐसा सिर्फ हिंदी फिल्मो में ही होता है, गौर फरमाईयेगा 
१) बागबन : 
अमिताभ और हेमा होली के बाद ६ महीने के लिए अलग होते है (याद है न "होली खेले रघुवीर" गाना), वो कहते है की ६ महीने के लिए अलग होना है मतलब "मार्च से सितम्बर", और इन ६ महीने के अंतराल में वो "वैलेंटाइन डे" और "कर्वाचौत"भी मना लेते है,जब की "वैलेंटाइन डे" १४ फरवरी को आता है और "कर्वाचौत" ज्यादातर अक्टोबर में आता है, ऐसा कैसे होगा की मार्च से सितम्बर के बिच वैलेंटाइन और कर्वाचौत आ जाये !

२) अमर अकबर अन्थोनी : 
३ लोग एक ही वक़्त में एक ही इंसान को अपना खून डोनेट करते है,ऐसा सिर्फ इस लिए हुआ होगा क्यों की वो सिन बहोत ही भावनिक था अन्यथा अब तक तो टेक्नोलॉजी इतनी आगे गई नहीं होगी !

३) प्यार तो होना ही था :
ट्रेन रूकती है काजोल निचे उतर कर पब्लिक टॉयलेट जाती है उतने में ट्रेन उसे छोड़कर आगे निकल जाती है, शायद काजोल को ये पता नहीं होगा की हर ट्रेन के कम्पार्टमेंट में ४ टॉयलेट होते है !

४) खिलाडियों का खिलाडी :
अक्षय कुमार अमेरिका जाने के लिए "जेट एयरवेज" के फ्लाइट को बोर्ड करता है, जब की जेट एयरवेज" भारत में ही भ्रमण के लिए होता है !
इंटरनेशनल खिलाडी+डोमेस्टिक फ्लाइट = इंटरनेशनल फ्लाइट+खिलाडियों का खिलाडी

(क्रमश:)

हमारा पप्पू

पप्पू को एक पुलिसवाले के साथ मारपीट, हाथापाई, करने के जुर्म में अदालत में पेश किया गया ।
जज - क्या हुआ था ?

पप्पू - जनाब, मै टेलीफ़ोन बूथ में था, और एकदम शांतिपूर्ण ढंग से अपनी गर्लफ्रेंड पप्पी से बात कर रहा था । तभी ये सांड जैसा पुलिसिया वह पहुच गया और न जाने इसे फ़ोन करने की ऐसी क्या जल्दी थी की इसने मेरी बाह पकड़कर मुझे बहार खीचा और सड़क पे धक्का दे दिया ।
जज - ये तो सचमुच इस पुलिसवाले की ज्यादती है । जब तुम पहले से बूथ में मौजूद थे तो ...

पप्पू - इसने और भी ज्यादती की सरकार ।

जज - अच्छा ? और भी ज्यादती की ?

पप्पू - जी, फिर इसने पप्पी की बांह पकड़कर उसे बहार खीचा और उसे भी सड़क पे धक्का दे दिया ...

Monday, May 27, 2013

जैसा की हमने फेसबुक मुर्गा, फेसबुक सेलिब्रिटी, फेसबुक बाबा, और देवदास के बारे में सज्ञान लिया आईये अब नज़र डालते है कुछ और ऐसे ही नमूनों पर,
वैसे तो आपने बहोत से चोर देखे होंगे पर "फेसबुक चोरो" की बात ही निराली है अच्छा पोस्ट देखा नहीं के झट से कॉपी कर लेते है और अपनी वाल पे, ग्रुप में, आपसे भी पहले अपने नाम से पोस्ट कर डालते है, कुछ "फेसबुक रिपोर्टर" तो आजतक से भी आगे है दिन भर टेलीकास्ट शुरू रहता है इनका ब्रेक तक नहीं लेते,"फेसबुक टीकाकार" तो बड़े चमत्कारी होते है, खुद कभी पोस्ट नहीं करते पर आपने पोस्ट कर दिया तो उसका पोस्टमॉर्टेम भलीबाती करने में महारत हासिल है इनको,"फेसबुक विदूषको" के जीवन में चाहे जितने संकट आये ये आपको हमेशा हसते हुए ही मिलेगे,"फेसबुक लाइकर" लोगो को बड़े ही लाइकर होते है ये आते है चुपके से आपके हर पोस्ट को लाइक कर जाते है जैसे ये इनका जन्मसिद्ध अधिकार है !
(क्रमश:)

हमारा पप्पू

पप्पू का अपनी पप्पी के नाम एक पत्र :-
प्यारी पप्पी ,
मेरे सपनो की रानी। इतने अरसे के बाद तुम्हे पत्र लिखने के लिए मजबूर हो गया हु । जबसे मैंने तुमसे सगाई तोड़ी है, सच कहता हु एक रात भी ठीक से सो नहीं पाया हु । तुमसे जुदा होने के बाद अहसास हुआ की तुम्हारे बिना जीना संभव नहीं । हर पल हर तरफ बस तुम्ही दिखाई देती हो । मै जनता हु तुम्हारा दिल बहोत बड़ा है । हर बार की तरह तुम मेरी यह भूल भी माफ़ कर दोगी । मै वापस तुम्हारे पास आ रहा हु । मुझे तुम्हारे सिवा दुनिया में और किसी की जरुरत नहीं ।

तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा
पप्पू 

पुनश्च : सिक्किम सरकार की एक करोड़ की लोटरी जितने पे हार्दिक बधाई ।



Sunday, May 26, 2013

अजीब अजीब नमूनों से फेसबुक भरा पडा है साहब, सुबह उठो तो सबसे पहले फेसबुक मुर्गो के दर्शन हो जाते है जिनका काम होता है रोज़ सवेरे लोगो को गुड मोर्निंग पोस्ट करते रहना, कुछ फेसबुक सेलिब्रिटी होते है जिनका काम होता है बेमतलब लोगो को ऐड करना ये फेसबुक की ५००० की लिमिट का पुरापुरा उपयोग करते दिख जायेगे,फेसबुक बाबा तो हर गली चौराहे मिल जायेगे पत्थर उठाया फेसबुक बाबा हाज़िर इनका पसंदीदा काम होता है भगवान् के फोटो डाल डाल कर प्रवचन करना,यहाँ देवदास की भी कमी नहीं है साहब, पारो कम है पर देवदास लाखो, सुबह से रात तक जाम उठाये दुःख भरी कविताओ से लोगो को भी दुखी करते ये आम मिल जायेगे,
(क्रमश:)

Saturday, May 25, 2013

कोर्ट में केस चल रहा था, केस की सुनवाई शुरू होने लगी तो वकील उठा और जज से बोला।

वकील: "माई लार्ड, कानून की किताब के पेज नंबर 15 के मुताबिक मेरे मुवक्किल को बा-इज्जत बरी किया जाये।

जज: "किताब पेश की जाये।"

किताब पेश की गयी, जज ने पेज नंबर 15 खोला तो उसमें 1000 के 10 नोट थे।

जज मुस्कुराते हुए बोला: "बहुत खूब, इस तरह के 2 सबूत और पेश किये जाये।"

Sunday, May 19, 2013

मुंबई शहर में रिहाइश जगह की दिक्कत को एक भुक्तभोगी ने इन शब्दों में बयां किया :
मेरे पड़ोस में एक कुवारी बाला रहती है जिसका बेडरूम एन मेरे बेडरूम के पहलू में है । मेरा बेडरूम इतना छोटा है की वो जरा और छोटा होता तो लोग बाग कहते की हम पाप की ज़िन्दगी जी रहे है ।

Saturday, May 18, 2013

हमारा पप्पू

अंग्रेजो का एक महीने का त्योहार चल रहा था,
जिसमे वो NON VEG नही खाते थे.
उन्ही के मोहल्ले मे अपना पप्पू भी रहता था , जो हर रोज
चिकन बनाकर खाता था.
चिकन की खुशबू से परेशान होकर अंग्रेजो ने अपने
पादरी से शिकायत की.
पादरी ने पप्पू को कहा तुम भी ईसाई धर्म
स्वीकार कर लो, जिससे किसी को आपसे कोई
समस्या ना हो.
हमारे पप्पू मान गए.
तो पादरी ने पप्पू पर Holy water
छिडकते हुए कहा “You born as a “MARATHA”
now you are a “Christian”
अगले दिन फिर पप्पू के घर से चिकन
की खुशबू आई तो सब अंग्रेजो ने पादरी से
उसकी फिर शिकायत की.
अब पादरी अंग्रेजो को साथ लेकर पप्पू के
घर मे गए तो देखा,
पप्पू चिकन पर Holy Water छिडक रहे थे
और कह रहे थे,
“You born as “Chicken” but now you
are “Potato”

Thursday, May 16, 2013

मेरे एक मित्र बेहद गरीब है और ऐसे में उनके २ माह के बच्चे के दिल में छेद हो गया है, प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाना वो अफोर्ड नहीं कर सकते कृपया किसी सज्जन को भारत में कोई ऐसी चिकित्सा या चिकित्सालय मालूम हो जहा उनके बच्चे का इलाज मुफ्त या कम पैसो में हो सके तो कृपया अवश्य अवगत कराये !
मित्र का कांटेक्ट है : अतुल तायडे (शेलुवाडा,वाशिम महाराष्ट्र),09823728096

Wednesday, May 15, 2013

(हमारा पप्पू)


आप सोच रहे होगे की जीरो बटे सन्नाटा पप्पू ही ऐसा है तो हमारी पप्पी (पप्पू की बीवी) के कारनामे आपने सुने ही नहीं होगे शायद,
काम्प्लेक्स सिर्फ पप्पू ही नहीं हमारी पप्पी भी भयंकर दे सकती है ! शादी के बाद दोनों स्टेज पे खड़े थे, फोटोशेशन जोरो शोरो से चल रहा था इतने में हम पहुचे स्टेज पे तो पप्पू ने अपनी साली का परिचय हमसे करवाते हुए कहा की, "ये है मेरी साली,आधी घरवाली" हम ठहाका लगाकर हस पड़े इतने में हमारी पप्पी अपने देवर को देख के हमसे बोली ये है हमारे देवर...हमारे आधे पति परमेश्वर ! ये सुनते ही पप्पू तो वही बेहोश हो गया और हमको बड़ा काम्प्लेक्स हो गया !

पुराने जूते सफ़ेद सादे वस्त्र मगर पानीदार व्यक्तिमत्व ऐसे ही है जलपुरुष राजेंद्र सिंहजी, न कोई बड़ा आदमी होने का गर्व न जलपुरुष होने का अभिमान लेकिन जब बोलते है तो लगता है जलवर्षा हो रही है और मन तृप्त हो जाता है 
हर्ष और कुछ होने की उम्मीद भरे दो घंटे जलपुरुष राजेंद्र सिंहजी के साथ !

जानकारी के लिए बता दू राजेंद्र सिंहजी मैगसे पुरूस्कार प्राप्त है जिन्होंने राजस्थान जैसे राज्य में ८ मृत नदियों को जिंदा कर दिया है !

केंद्रीय कृषिमंत्रियो में ३ लोग छोड़ दिए जाये तो अब तक जितने भी कृषिमंत्री भारत में हुए है वो सब महाराष्ट्र से ही थे फिर भी महाराष्ट्र सूखे से झुजता है, डूब मरने तक का पानी नहीं है क्या महाराष्ट्र में ?

Tuesday, May 14, 2013

आज रात आसमान से चाँद टूटकर गिरने वाला है, जिसे पकड़ना हो कृपया कोशिश कर ले, मै चला सोने 
शुभ रात्रि

Monday, May 13, 2013

(हमारा पप्पू )

जीरो बटे पप्पू और उसकी फॅमिली :
पप्पू की नई नवेली बहू घर आई तो सप्पू(पप्पू के बापू) की बीवी मुनिया ने अपनी बहू को सारी व्यवस्था समझाई।
सास-देखो बहू मैं इस घर की गृ़हमंत्री हूं, लेकिन साथ ही वित्त मंत्रालय भी संभालती हूं।
तुम्हारे ससुर प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें कुछ पसंद हो या न हो बस उन्हें खामोश रहकर हर बिल को पास करना है और घर की किसी भी विपदा में बस यही कहना है कि हम इस घटना की घोर निंदा करते हैं, चाहे मैं उनकी पेंशन एक ही दिन में क्यों न उड़ा दूं।
तुम्हारा देवर घर का विदेश मंत्री है, जिसके जिम्मे घर की सारी व्यवस्थाएं हैं और वह बजट में से अपना साइड बना ले तो भी घर के पूरे पूरे मंत्रालय को उसके सारे घोटाले में शांत ही रहना है।
हां तुम्हारी ननंद योजना मंत्री है और उसी की मर्जी से घर में हलवा, पूरी और खीर बनती है और जब वो चाहे, तो सभी को मूंग की दाल, लौकी की सब्जी और खिचड़ी से भी काम चलाना पड़ता है।
मेरा बेटा पप्पू यानी तुम्हारा पति घर का आपूर्ति मंत्री है, जो आपूर्ति करने में ही इतना व्यस्त रहता है कि दूसरे मंत्रालय में हस्तक्षेप करने का उसे वक्त ही नहीं होता और शांत रहकर बस अपना मंत्रालय अच्छे से चलाने का प्रयास करते रहना होता है।
अब असल बात कि तुम बताओ कि तुम्हें कौन सा विभाग चाहिए?
बहू- ऐसी सरकार में तो मैं फिर विपक्ष में बैठना चाहूंगी।
ये प्यार व्यार कुछ नही है,
समय बदल रहा है 
शमाँ का स्थान ट्यूब लाईट ने ले लिया है । 
परबाना जलने की गरज से जाता है तो छिपकली खा जाती है...!

और कुछ बेवकूफ लोग सोचते है की वो प्यार में पागल है ! एक दूजे के लिए अपनी जान तक दे सकते है मगर ये भूल जाते है की माँ बाप को उनको बड़ा करने में क्या क्या नहीं करना पड़ा है ! धन्य है ऐसे माँ बाप जिन्होंने ऐसे बेवकुफो को पाला ! लव जेहाद की माँ की आँख....

रिश्ता

कदम रुक गए, जब पहुंचा मैं बाज़ार में,
बिक रहे थे रिश्ते खुले आम व्यापर में।
मैंने पूछा- "क्या भाव है रिश्तों का?"
दुकानदार बोला -" कौनसा चाहिए, बेटा या बाप?
बहेन या भाई? इंसानियत का दूँ या प्यार का?
दोस्ती का या विश्वास का? बाबूजी, क्या चाहिए,
बोलो तो सही, सब चीज़ बिकावु है यहाँ,
आप चुपचाप क्यूँ खड़े हो, मुंह खोलो तो सही?"
मैंने उनसे जब पूछा "माँ के रिश्ते का क्या भाव है?'
तो दुकानदार तुरंत नम होती आँखों से बोला - 
"संसार इसी रिश्ते पे तो टिका है बाबु। माफ़ करना,
ये रिश्ता बिकावु नहीं है। इसका कोई मोल नहीं लगा पाएंगा।
ये रिश्ता भी बिक गया तो फिर तो ये संसार भी 
उजाड़ जायेंगा!"
जल पुरुष, मेगॅसेसे पुरस्कार सन्मानीत राजेंद्र सिंह नदी संरक्षण के प्रयोग देखने के लिये १५ मई २०१३ को कारंजा आ रहे है. सभी को निमंत्रण है.

Water man of India, Ramon Magsaysay Award winner Mr. Rajendra Singh visiting our river rejuvenation program on 15 May 2013. All are cordially invited for the program


सुखी वैवाहिक जीवन का राज

एक दंपत्ति नें जब अपनी शादी की 25 वीं वर्षगांठ
मनायी तो एक पत्रकार उनका साक्षात्कार लेने पहुंचा.
वो दंपत्ति अपने शांतिपुर्ण और सुखमय वैवाहिक
जीवन के लिये प्रसिद्ध थे. उनके बीच कभी नाम मात्र
का भी तकरार नहीं हुआ था. लोग उनके इस सुखमय
वैवाहिक जीवन का राज जानने को उत्सुक थे. पति ने बताया :
हमारी शादी के फ़ौरन बाद हम हनीमुन मनाने शिमला गये.
वहाँ हम लोगो ने घुड़सवारी की.
मेरा घोड़ा बिल्कुल ठीक था लेकिन
मेरी पत्नी का घोड़ा थोड़ा नखरैल था.
उसने दौड़ते दौड़ते अचानक मेरी पत्नी को गिरा दिया. मेरी पत्नी उठी और घोड़े के पीठ पर हाथ फ़ेर कर कहा :
"यह पहली बार है", और फ़िर उसपर सवार हो गयी. थोड़े दुर चलने के बाद घोड़े ने फ़िर उसे गिरा दिया. पत्नी ने घोड़े से फ़िर कहा : "यह दुसरी बार है", और फ़िर
उस पर सवार हो गयी. लेकिन थोड़े दुर जा कर घोड़े ने फ़िर उसे गिरा दिया. अबकी पत्नी ने कुछ नहीं कहा. चुपचाप अपना पर्स खोला, पिस्तौल निकाली और घोड़े को गोली मार दी. मुझे देखकर काफ़ी गुस्सा आया और मैं जोर से पत्नी पर
चिल्लाया : "ये तुमने क्या किया, पागल हो गयी हो?" पत्नी ने मेरी तरफ़ देखा और कहा : "ये पहली बार है" और बस उसके बाद से हमारी ज़िंदगी सुख और शांति से
चल रही है.
सरकार, खराब है। समाज, खराब है। मीडिया, खराब है। शिक्षा, खराब है। मैं अच्‍छा हूं।

Thursday, April 18, 2013

एक आदमी
रोटी बेलता है
एक आदमी रोटी खाता है
एक तीसरा आदमी भी है
जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है
वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है
मैं पूछता हूँ--
'यह तीसरा आदमी कौन है ?'
मेरे देश की संसद मौन है।

Saturday, April 13, 2013

उसे फ़िर लौट कर जाना है ये मालूम था उस वक्त भी ,
जब शाम की सुर्ख सुनहरी रेत पर वो दौड़ती आई थी ...
और लहराकर यु आगोश में बिखरी थी,
जैसे पुरे का पुरा समंदर लेकर उमड़ी हो ।
उसे जाना है वो भी जानती तो थी मगर,
हर रात फ़िर भी हाथ रख कर चाँद पर खाते रहे कसमे ...
न में उतारूंगा अब सांसो की साहिल से ,
न वो उतरेंगी मेरे मेरे अस्मा पर ज़ुमते तारों के बिंगो से ...
मगर जब कहते रहते दास्ताँ , फ़िर वक्त ने लम्बी जमाए ली ॥
न वो ठहरी न में ही रोक पाया ...
न वो ठहरी न में ही रोक पाया था ,
बहोत रोका सूरज ने चाँद को फ़िर भी ,
उसे एक एक कलह उखाड़ते हुए देखा ...
बहोत खेचा समंदर को मगर साहिल तलक हम ला नही पाए ।
सहर के वक्त फ़िर उतरे हुए साहिल पर एक डूबा हुआ खली समंदर था ।
कितना अरसा हुआ कोई उम्मीद जलाये, कितनी मुद्दत हुई किसी कंदील पर जलती रौशनी रखे।
चलते फिरते इस सुनसान हवेली में चलते फिरते कितनी बार गिरा हु में ...
चाँद अगर निकले तो अब इस घर में रौशनी होती है
वरना अँधेरा ही रहता है ...

Monday, April 8, 2013

हमारा पप्पू (3)


वैसे तो पप्पू और पप्पी की तरह उनकी बेटी डॉली भी जीरो बटे सन्नाटा ही है मगर उसकी बानगी कुछ और है !
पप्पू की नौजवान लड़की(डॉली) दूर दराज के एक कॉलेज में दाखिल हुई ! चार महीने बाद वह से उसकी एक चिट्टी आई जिसमे लिखा था :
डीअर मम्मी डीअर पापा ,
मै चार महीने से यहाँ के कॉलेज हॉस्टल में हु ! मुझे खेद है की में पहले पत्र नहीं लिख सखी ! मेरे ये चार महीने आपसे दूर कैसे बीते उसका विस्तृत विवरण मै इस पत्र में कर रही हु !
यहाँ आजकल मै ठीक ठाक ही हु ! मेरे यहाँ आने के एक महीने बाद हॉस्टल में आग लग गयी, जिसकी वजह से मुझे अपने कमरे की खिड़की से बाहर कूदना पड़ा था, जिसकी वजह से मेरी खोपड़ी चटक गयी थी, और मुझे मुर्चाके दौरे पड़ने लगे थे ! जिसकी वजह से मुझे दो हफ्ते हॉस्पिटल में रहना पड़ा था ! जब मे खिड़की से कूदी थी तो मेरी खुशकिस्मती से एक नजदीकी ढाबे के एक वेटर ने देख लिया था और उसी ने हॉस्पिटल फ़ोन करके अम्बुलेंस मंगवाकर मुझे हॉस्पिटल पहुचाया था ! वो बेचारा रोज़ मुझे हॉस्पिटल में देखने आता था ! दो हफ्तों बाद जब मेरी हॉस्पिटल से छुट्टी हुई थी तब मेरी खोपड़ी काफी हद्द तक जुड़ चुकी थी और दौरे भी दिन में दो या तीन बार पड़ते थे ! हॉस्टल तो आग में जलकर खाक हो गया था इसी लिए मेरे पास रहने को कोई जगह नहीं थी लेकिन उस भले वेटर ने मेरे पर मेहरबानी की और उसने मुझे अपने घर में - जो की एक नजदीकी चाल की एक खोली थी - रख लिया ! वो इतना भला लड़का निकला की मुझे उससे प्यार हो गया और हमने शादी करने का फैसला कर लिया ! अभी शादी की तारिक मुकर्रार नहीं हुई है लेकिन जब तक मेरा गर्भ दिखाई देना शुरू नहीं हो जाता तब तक हमे उसकी कोई जल्दी नहीं है ! मम्मी, पापा, मुझे यकीं है की आप लोगो को ये जानकर ख़ुशी हुई होगी की मै गर्भवती हु ! मै जानती हु आप दोनों नाना नानी बन्ने के कितने इच्छुक है और मुझे यकीं है की आप मेरे बच्चे वही प्यार-दुलार देंगे जो की जब मै बच्ची थी मुझे दिया था ! वैसे शादी में थोड़ी देर की वजह ये भी है की मेरे होने वाले पति को कोई मरदाना बीमारी है जो मुझे भी हो गयी है ! लेकिन उसमे फ़िक्र की कोई बात नहीं है हम दोनों रेगुलर पेंसिलिंग का इंजेक्सन ले रहे है और गुप्त रोगों के डॉक्टर का हमे आश्वाशन है की हम दोनों शादी से बहोत पहले भले चंगे हो जायेगे ! बहरहाल मुझे पूरा यकीं है की आप अपने होने वाले दामाद को खुले दिल से स्वीकार करेगे बावजूद वो हमारे धर्म का नहीं है, थोडा भैंगा है थोडा ;लंगड़ के  चलता है लेकिन जब दिल से दिल मिले तो इन बातो की क्या अहमियत है ! इस बात की भी क्या अहमियत है की उनका फॅमिली ट्रेड उग्रवादियों को असलह सप्लाय करना है !

मम्मी,पापा गुजस्ता चार महीने का विस्तृत विवरण मैंने ऊपर कर दिया है , अब जो आगे मैंने कहना है वो इस प्रकार है :

होस्टल में कोई आग नहीं लगी थी , न मेरी खोपड़ी चटकी,न मुझे हॉस्पिटल में दाखिल होना पड़ा, न मै गर्भवती हु, न किसी दुसरे महजब के लड़के से मुझे प्यार हुआ है और न में सिफलिस की शिकार हु ! जो हुआ है, वो ये है की कॉलेज के पहले सेमिस्टर में में सरे विषयो में फ़ैल हु ! अब आप ही सोच लीजिये की जो हुआ वो ज्यादा बुरा है की जो हो सकता था वो ज्यादा बुरा है !

आपकी लाडली बेटी,
डॉली 
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हो रहा भारत निर्माण ...


Sunday, April 7, 2013

हमारा पप्पू (2)

हमारा जीरो बटे सन्नाटा पप्पू बड़ा ही साहित्य प्रेमी है, और तो और उनकी धर्मपत्नी भी उन्ही की तरह थोड़ी सी भेरंट टाइप है लेकिन है बड़ी हाज़िर जवाब !
शादी के बाद सुहागरात को पप्पू अपनी पप्पी (धर्मपत्नी) से बड़े ही साहित्यिक मन से कहता है, "प्रिय, आज से तुम ही मेरी कविता हो , भावना हो, कामना हो.."
फिर क्या हमारी पप्पू की पप्पी तपाक से बोली, "मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे मुकेश हो, सुरेश हो, रमेश हो.."
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Saturday, April 6, 2013

हमारा पप्पू (1)

वैसे तो हमारा पप्पू बड़ा भेरंट टाइप आदमी है लेकिन आप सोच रहे होगे की वो जीरो बटे सन्नाटा होगा तो ये आपकी गलतफैमि है बहोत बड़ी ! बस जरा सा ट्युबलाइट है, जब आप ख़त्म करते हो तो उसकी शुरुआत होती है बस और कुछ नहीं 
पप्पू के ऑफिस में दस बहुत ही आलसी कर्मचारी थे। एक दिन बॉस ने उन लोगों को सुधारने की गरज से एक प्लान सोचा।
- मेरे पास एक बहुत ही आसान काम है जिसके दोगुने पैसे मिलेंगे। तुम लोगों में जो सबसे ज्यादा आलसी होगा उसे ही यह काम दिया जाएगा। जो सबसे ज्यादा आलसी हो वह अपना हाथ उठाए।
नौ हाथ तुरंत ऊपर उठ गए।
तुमने हाथ क्यों नहीं उठाया ? बॉस ने पप्पू से पूछा ।
पप्पू ने जवाब दिया- मुझसे नहीं उठाया जाता..
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3 idiots ( Latest version )



This happened during Admin recruiting session for the FB page

Rancho - *Smiling*

Teacher- Aap Muskura kyu rahe hain?

Rancho - Bohot Dino se Admin banne ki iccha thi...aj Ban gaya hu..bohot maza aa raha hai

Teacher- Zada Maza Lene Ki Zarurat nai hai...Tell me What is a Post?

Rancho- Anything that is posted on Facebook..is Post Sir

Teacher- Can you Please elaborate?

Rancho- sir..jo bhi Facebook pe log daalte hai ,post hai sir...Ghumne...­­gye..photo daal diya! Post hai Sir
Match dekha Score daal diya! Post hai Sir ..Sir actually hum post se ghire hue hai sir! Katrina ki Pic se Ronaldo ki Kick tak!
Sab post hai sir! Ek second me Comment ,ek second me like!
Comment-like.. comment-like
.
.
Teacher- Shut up! ADMIN banke ye karoge?Comment-­­like comment like....
Hey chatur tum batao

Chatur- Pictures,texts or Videos posted through Mobile or Tablet or laptop or desktop via Different Operating
system using Internet on Facebook is called a Post...

Teacher- excellent!

Rancho- par sir maine bhi toh vohi bola seedhe shabdo mein...

Teacher- Seedhe shabdo me karna hai toh orkut ya twiter ke pages k admin bano... :@

Rancho- Par sir dusre sites bhi toh..

Teacher-Get out!

Rancho- why sir?

teacher- Seedhe Shabdo me bahar jaiye

Rancho goes out and Comes Back*

Teacher- kya hua?

Rancho- kuch Bhul gya tha sir

Teacher- Kya?

Rancho- An Utility button given to us, to protect our Private data i.e pictures messages or personal Information for being
stolen or Used for bad purpose by hackers or anyone else...

Teacher- kehna kya chahte ho!?!?

Rancho- logout sir! Logout karna bhul gya tha!

Teacher- seedha seedha nai bol sakte the?!

Rancho- thodi der pehle try kiya tha sir, aapko pasand nahi aaya... :P