Thursday, April 18, 2013

एक आदमी
रोटी बेलता है
एक आदमी रोटी खाता है
एक तीसरा आदमी भी है
जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है
वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है
मैं पूछता हूँ--
'यह तीसरा आदमी कौन है ?'
मेरे देश की संसद मौन है।

Saturday, April 13, 2013

उसे फ़िर लौट कर जाना है ये मालूम था उस वक्त भी ,
जब शाम की सुर्ख सुनहरी रेत पर वो दौड़ती आई थी ...
और लहराकर यु आगोश में बिखरी थी,
जैसे पुरे का पुरा समंदर लेकर उमड़ी हो ।
उसे जाना है वो भी जानती तो थी मगर,
हर रात फ़िर भी हाथ रख कर चाँद पर खाते रहे कसमे ...
न में उतारूंगा अब सांसो की साहिल से ,
न वो उतरेंगी मेरे मेरे अस्मा पर ज़ुमते तारों के बिंगो से ...
मगर जब कहते रहते दास्ताँ , फ़िर वक्त ने लम्बी जमाए ली ॥
न वो ठहरी न में ही रोक पाया ...
न वो ठहरी न में ही रोक पाया था ,
बहोत रोका सूरज ने चाँद को फ़िर भी ,
उसे एक एक कलह उखाड़ते हुए देखा ...
बहोत खेचा समंदर को मगर साहिल तलक हम ला नही पाए ।
सहर के वक्त फ़िर उतरे हुए साहिल पर एक डूबा हुआ खली समंदर था ।
कितना अरसा हुआ कोई उम्मीद जलाये, कितनी मुद्दत हुई किसी कंदील पर जलती रौशनी रखे।
चलते फिरते इस सुनसान हवेली में चलते फिरते कितनी बार गिरा हु में ...
चाँद अगर निकले तो अब इस घर में रौशनी होती है
वरना अँधेरा ही रहता है ...

Monday, April 8, 2013

हमारा पप्पू (3)


वैसे तो पप्पू और पप्पी की तरह उनकी बेटी डॉली भी जीरो बटे सन्नाटा ही है मगर उसकी बानगी कुछ और है !
पप्पू की नौजवान लड़की(डॉली) दूर दराज के एक कॉलेज में दाखिल हुई ! चार महीने बाद वह से उसकी एक चिट्टी आई जिसमे लिखा था :
डीअर मम्मी डीअर पापा ,
मै चार महीने से यहाँ के कॉलेज हॉस्टल में हु ! मुझे खेद है की में पहले पत्र नहीं लिख सखी ! मेरे ये चार महीने आपसे दूर कैसे बीते उसका विस्तृत विवरण मै इस पत्र में कर रही हु !
यहाँ आजकल मै ठीक ठाक ही हु ! मेरे यहाँ आने के एक महीने बाद हॉस्टल में आग लग गयी, जिसकी वजह से मुझे अपने कमरे की खिड़की से बाहर कूदना पड़ा था, जिसकी वजह से मेरी खोपड़ी चटक गयी थी, और मुझे मुर्चाके दौरे पड़ने लगे थे ! जिसकी वजह से मुझे दो हफ्ते हॉस्पिटल में रहना पड़ा था ! जब मे खिड़की से कूदी थी तो मेरी खुशकिस्मती से एक नजदीकी ढाबे के एक वेटर ने देख लिया था और उसी ने हॉस्पिटल फ़ोन करके अम्बुलेंस मंगवाकर मुझे हॉस्पिटल पहुचाया था ! वो बेचारा रोज़ मुझे हॉस्पिटल में देखने आता था ! दो हफ्तों बाद जब मेरी हॉस्पिटल से छुट्टी हुई थी तब मेरी खोपड़ी काफी हद्द तक जुड़ चुकी थी और दौरे भी दिन में दो या तीन बार पड़ते थे ! हॉस्टल तो आग में जलकर खाक हो गया था इसी लिए मेरे पास रहने को कोई जगह नहीं थी लेकिन उस भले वेटर ने मेरे पर मेहरबानी की और उसने मुझे अपने घर में - जो की एक नजदीकी चाल की एक खोली थी - रख लिया ! वो इतना भला लड़का निकला की मुझे उससे प्यार हो गया और हमने शादी करने का फैसला कर लिया ! अभी शादी की तारिक मुकर्रार नहीं हुई है लेकिन जब तक मेरा गर्भ दिखाई देना शुरू नहीं हो जाता तब तक हमे उसकी कोई जल्दी नहीं है ! मम्मी, पापा, मुझे यकीं है की आप लोगो को ये जानकर ख़ुशी हुई होगी की मै गर्भवती हु ! मै जानती हु आप दोनों नाना नानी बन्ने के कितने इच्छुक है और मुझे यकीं है की आप मेरे बच्चे वही प्यार-दुलार देंगे जो की जब मै बच्ची थी मुझे दिया था ! वैसे शादी में थोड़ी देर की वजह ये भी है की मेरे होने वाले पति को कोई मरदाना बीमारी है जो मुझे भी हो गयी है ! लेकिन उसमे फ़िक्र की कोई बात नहीं है हम दोनों रेगुलर पेंसिलिंग का इंजेक्सन ले रहे है और गुप्त रोगों के डॉक्टर का हमे आश्वाशन है की हम दोनों शादी से बहोत पहले भले चंगे हो जायेगे ! बहरहाल मुझे पूरा यकीं है की आप अपने होने वाले दामाद को खुले दिल से स्वीकार करेगे बावजूद वो हमारे धर्म का नहीं है, थोडा भैंगा है थोडा ;लंगड़ के  चलता है लेकिन जब दिल से दिल मिले तो इन बातो की क्या अहमियत है ! इस बात की भी क्या अहमियत है की उनका फॅमिली ट्रेड उग्रवादियों को असलह सप्लाय करना है !

मम्मी,पापा गुजस्ता चार महीने का विस्तृत विवरण मैंने ऊपर कर दिया है , अब जो आगे मैंने कहना है वो इस प्रकार है :

होस्टल में कोई आग नहीं लगी थी , न मेरी खोपड़ी चटकी,न मुझे हॉस्पिटल में दाखिल होना पड़ा, न मै गर्भवती हु, न किसी दुसरे महजब के लड़के से मुझे प्यार हुआ है और न में सिफलिस की शिकार हु ! जो हुआ है, वो ये है की कॉलेज के पहले सेमिस्टर में में सरे विषयो में फ़ैल हु ! अब आप ही सोच लीजिये की जो हुआ वो ज्यादा बुरा है की जो हो सकता था वो ज्यादा बुरा है !

आपकी लाडली बेटी,
डॉली 
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हो रहा भारत निर्माण ...


Sunday, April 7, 2013

हमारा पप्पू (2)

हमारा जीरो बटे सन्नाटा पप्पू बड़ा ही साहित्य प्रेमी है, और तो और उनकी धर्मपत्नी भी उन्ही की तरह थोड़ी सी भेरंट टाइप है लेकिन है बड़ी हाज़िर जवाब !
शादी के बाद सुहागरात को पप्पू अपनी पप्पी (धर्मपत्नी) से बड़े ही साहित्यिक मन से कहता है, "प्रिय, आज से तुम ही मेरी कविता हो , भावना हो, कामना हो.."
फिर क्या हमारी पप्पू की पप्पी तपाक से बोली, "मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे मुकेश हो, सुरेश हो, रमेश हो.."
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Saturday, April 6, 2013

हमारा पप्पू (1)

वैसे तो हमारा पप्पू बड़ा भेरंट टाइप आदमी है लेकिन आप सोच रहे होगे की वो जीरो बटे सन्नाटा होगा तो ये आपकी गलतफैमि है बहोत बड़ी ! बस जरा सा ट्युबलाइट है, जब आप ख़त्म करते हो तो उसकी शुरुआत होती है बस और कुछ नहीं 
पप्पू के ऑफिस में दस बहुत ही आलसी कर्मचारी थे। एक दिन बॉस ने उन लोगों को सुधारने की गरज से एक प्लान सोचा।
- मेरे पास एक बहुत ही आसान काम है जिसके दोगुने पैसे मिलेंगे। तुम लोगों में जो सबसे ज्यादा आलसी होगा उसे ही यह काम दिया जाएगा। जो सबसे ज्यादा आलसी हो वह अपना हाथ उठाए।
नौ हाथ तुरंत ऊपर उठ गए।
तुमने हाथ क्यों नहीं उठाया ? बॉस ने पप्पू से पूछा ।
पप्पू ने जवाब दिया- मुझसे नहीं उठाया जाता..
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3 idiots ( Latest version )



This happened during Admin recruiting session for the FB page

Rancho - *Smiling*

Teacher- Aap Muskura kyu rahe hain?

Rancho - Bohot Dino se Admin banne ki iccha thi...aj Ban gaya hu..bohot maza aa raha hai

Teacher- Zada Maza Lene Ki Zarurat nai hai...Tell me What is a Post?

Rancho- Anything that is posted on Facebook..is Post Sir

Teacher- Can you Please elaborate?

Rancho- sir..jo bhi Facebook pe log daalte hai ,post hai sir...Ghumne...­­gye..photo daal diya! Post hai Sir
Match dekha Score daal diya! Post hai Sir ..Sir actually hum post se ghire hue hai sir! Katrina ki Pic se Ronaldo ki Kick tak!
Sab post hai sir! Ek second me Comment ,ek second me like!
Comment-like.. comment-like
.
.
Teacher- Shut up! ADMIN banke ye karoge?Comment-­­like comment like....
Hey chatur tum batao

Chatur- Pictures,texts or Videos posted through Mobile or Tablet or laptop or desktop via Different Operating
system using Internet on Facebook is called a Post...

Teacher- excellent!

Rancho- par sir maine bhi toh vohi bola seedhe shabdo mein...

Teacher- Seedhe shabdo me karna hai toh orkut ya twiter ke pages k admin bano... :@

Rancho- Par sir dusre sites bhi toh..

Teacher-Get out!

Rancho- why sir?

teacher- Seedhe Shabdo me bahar jaiye

Rancho goes out and Comes Back*

Teacher- kya hua?

Rancho- kuch Bhul gya tha sir

Teacher- Kya?

Rancho- An Utility button given to us, to protect our Private data i.e pictures messages or personal Information for being
stolen or Used for bad purpose by hackers or anyone else...

Teacher- kehna kya chahte ho!?!?

Rancho- logout sir! Logout karna bhul gya tha!

Teacher- seedha seedha nai bol sakte the?!

Rancho- thodi der pehle try kiya tha sir, aapko pasand nahi aaya... :P

Wednesday, April 3, 2013

जो लोग पढने लिखने में जीरो बटे सन्नाटा हैं ... फ़ोकट गिरी के अलावा कुछ नहीं आता , दिन भर यहाँ वहाँ डोलते फिरते हैं! ! तो भी ऐसे भैरंट टाइप के लोग दूसरों को जबरदस्त कॉम्प्लेक्स दे सकते हैं!

जैसे हमारे पप्पू एग्जाम देने जाते हैं ...पेपर के मिलते ही पूरा पढ़ते हैं और सीधे आँख गढ़ाकर लिखने बैठ जाते हैं! यहाँ ये बात गौर करने की है कि पप्पू को दस प्रश्नों में से मात्र दो ही आते हैं आधे अधूरे से! पप्पू पूरी गति से पेन चलाते हैं ... राणा सांगा देख ले तो उसे अपनी तलवार की गति पर क्षोभ पैदा हो जाए! अभी पढ़ाकू बच्चे अपनी आधी कॉपी भर पाए हैं , इतने में पप्पू की आवाज़ गूंजती है " सर सप्लीमेंट्री कॉपी " ! पढ़ाकुओं का पसीना छूट पड़ता है! सब पप्पू को देखते हैं और अपनी बची हुई आधी कॉपी देखकर थूक गटकते हैं! पप्पू किसी को नहीं देखते ...फिर से भिड़ जाते हैं अपना पेन भांजने में! पप्पू दिमाग पर पूरा जोर डालकर उन दो प्रश्नों के उत्तर याद करने की कोशिश करते हैं ...फिर दिमाग के जाने किस खंडू खांचे से निकाल कर ज्ञान की पंजीरी कॉपी पर बिखरा देते हैं!

एक पढ़ाकू बाकी बचे दो पन्ने लिखकर अपनी पहली सप्लीमेंट्री लेने का मन बना रहा है! इतने में फिर से पप्पू की आवाज़ गूंजती है " सर सप्लीमेंट्री " और पढ़ाकुओं के सीने पर गाज बनकर गिरती है! पप्पू इधर उधर की गपोड़पंती ढपोला रायटिंग में लिखना प्रारम्भ करते हैं! सर भी उत्सुक होकर पप्पू के पास आकर खड़े हो जाते हैं और उसकी कॉपी देखने की कोशिश करते हैं! पप्पू हाथ से कॉपी ढक लेते हैं !सर खिसिया कर अपना रास्ता नापते हैं! इस प्रकार पप्पू पूरी पांच सप्लीमेंट्री भरते हैं!

बाहर निकलकर सबने पप्पू को घेर रखा है और पूछ रहे हैं " कैसा गया पेपर? " पप्पू बाल झटकते हुए कहते हैं " यार इससे सरल पेपर तो मैंने जिंदगी में नहीं देखा ! टाइम कम पड़ गया नहीं तो दो कॉपी और लगतीं मुझे " इतना बोलकर पप्पू बढ़ लेते हैं!

जब रिज़ल्ट आएगा ,तब आएगा! हाल फिलहाल तो पप्पू सीटी बजाता जा रहा है और पढ़ाकुओं की बैंड बज रही हैं!
...........................................( फ़ोकट की खुराफात )

पढ़िए ये रोचक घटना...अच्छी लगे तो शेयर जरुर कीजिये!



एक नदी के बीचों-बीच एक मंदिर था ,उस मंदिर पर भगवा झंडा लहराता था, लेकिन अब वो झंडा बहुत ही पुराना,मेला और फटा-खुचा सा हो चुका था इसलिए उसे बदलने का वक्त आ चुका था, परन्तु उस नदी के बीचों-बीच स्तिथ उस मंदिर को घेरे हुए थे सैकड़ों मगरमच्छ, उस मंदिर के चारो ओर मौजूद मगरमच्छों के कारण गाँव में किसी कि भी हिम्मत नहीं हो रही थी नदी में उतरकर उस भगवा ध्वज को बदलकर उसके स्थान पर नया भगवा ध्वज लहराने कि ,खुद को मर्द कहने वाले गाँव के सभी लोग चुपचाप उस नदी के किनारे पर खड़े थे लेकिन नदी में उतरने को कोई तैयार नहीं था आखिर अपने प्राण सभी को प्यारे थे ,उसी समय एक 12 साल का बच्चा वहाँ आया, उसके मन में शुरू से ही भगवा के प्रति अपार श्रद्धा थी ,जैसे ही उसे सारी बात का पता चला तो उसी समय बिना कुछ सोचे और बिना अपने प्राणों कि परवाह किये वो 12 साल का बच्चा भगवा झंडा लेकर नदी में कूद पड़ा, मात्र 12 साल का वो बालक उन मगरमच्छों से लड़ता हुआ नदी के बीचों-बीच स्तिथ उस मंदिर तक पहुंचा और उस बालक ने ध्वज को बदल डाला , सारा गाँव उस बालक कि जय-जयकार के नारों से गूँज उठायह कोई काल्पनिक किस्सा या कहानी नहीं बल्कि आज से 50 साल पहले गुजरात के वडनगर में घटी एक सत्य घटना है और क्या आप बता सकते हैं कि वो 12 साल का बच्चा कौन था ??इस बेख़ौफ़ बालक का नाम था नरेंद्र दामोदर दास मोदी जिन्हें कि आज आप और हम गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री के रूप में जानते हैं .....नरेंद्र मोदी...
गलती करना इंसानी फितरत है । लेकिन पेन्सिल का सिक्का ख़त्म होने से पहले पेन्सिल के दुसरे सिरे पर लगा रबड़ ख़त्म हो जाये तो समज लीजिये की गलतियों के मामले में हद करदी आपने ।

Tuesday, April 2, 2013

एक वक्त था, जब यमराज धरती पर सशरीर अपने भैंसे के साथ आते थे। अब नहीं आते। इस संबंध में शोध करने पर यह कहानी सामने आई है।
कुछ समय पहले यमराज ऊपर डेथ स्टैटिस्टिक्स चेक कर रहे थे, ज्यादातर लोग किसी बीमारी से नहीं, सदमे से मरे पाए गए। यमराज ने आत्माओं से तफतीश की तो पता चला कि महंगे अस्पतालों, क्लिनिकों में बीमार होकर पहुंचते हैं, तो वो इत्ते महंगे टेस्ट करवाते हैं कि टेस्टों में खर्च रकम देखकर ही मरीज सदमे में मर लेता है।

यमराज ने खुद जंबूद्वीपे, भारत खंडे में खुद आकर तफतीश करने की सोची।
दिल्ली के टॉपमटॉप फाइव-स्टार अस्पताल में यमराज घुसे और बोले ब्लड प्रेशर चेक करवाना है।
डॉक्टर ने ब्लड-प्रेशर छोड़कर सब चेक किया और टेस्ट लिखे- एमआरआई, पूरे ब्रेन का टेस्ट, यूरिन टेस्ट, हीमॉग्लोबिन टेस्ट, कैंसर टेस्ट, टीबी टेस्ट, हड्डियों में फास्फोरस टेस्ट, आई टेस्ट, प्रेग्नेंसी टेस्ट....। कंसेशनल रेट पर सिर्फ 7 लाख 47 हजार रुपये जमाकर मिलें मुझसे।

यमराज हिल गए, बोले- सिंपल बीपी टेस्ट करो।
यमराज ने डॉक्टर को सेट किया इस आश्वासन पर कि स्विटजरलैंड में एक बड़ी मेडिकल कॉन्फ्रेंस हो रही है, वहां फ्री में आना-जाना और पांच लाख रुपये का पारिश्रमिक जमवा दूंगा। तू ये बता इत्ते टेस्ट काहे को?
डॉक्टर बोला- प्रेग्नेंसी टेस्ट, एमआरआई टेस्ट की नई मशीन आई है। उसमें जो इनवेस्टमेंट लगा है, वो कैसे रिकवर होगा।
यमराज बोले- भगवन मेरे केस में प्रेग्नेंसी का क्या मतलब है?
डॉक्टर बोला- होने को कुछ भी हो सके। साइंस में नई-नई चीजें आ रही हैं। फिर इनवेस्टमेंट भी तो रिकवर करना है।
यमराज धराशायी हुए।
डॉक्टर बोला- सोच रहा हूं कि ये टेस्ट आपके भैंसे के लिए भी रिकमंड कर दूं। इनवेस्टमेंट भी तो रिकवर करना है।
यमराज कांपे।
डॉक्टर बोला- होने को तो कुछ भी हो सके, भैंसे के टेस्ट भी बनते हैं।
उस हादसे के बाद यमराज जंबूद्वीपे, भारतखंडे से इतना डर गए हैं कि यहां सशरीर न दिखते कभी।
हमने गाय और चिकन की संकर नस्ल बना ली है जो दूध के साथ अंडे भी देगी 
एक फ्रेंच विज्ञान रिपोर्ट
हमने मक्खी और मधुमक्खी की संकर नस्ल बना ली है अब ज्यादा शहद बनेगा 
एक रशियन विज्ञान रिपोर्ट
हमने काक्रोच और तरबूज की संकर नस्ल बना ली है जब तरबूज को काटोगे बीज अपने आप इधर उधर भागेंगे 
एक इंडियन विज्ञान रिपोर्ट
हमने नेता और अभिनेताओं की संकर नस्ल बना ली है जो...................................................................... 
अब पहले से ज्यादा आसानी जनता को मुर्ख बना सकेगी

नरेंद्र मोदी का 'लोकायुक्त' बिल पेश, कांग्रेस ने उठाए सवाल

क्या है नए विधेयक में
इस नए सुधारक विधयेक के बाद मुख्य लोकायुक्त के अलावा दो नए लोकायुक्त और चार उप लोकायुक्त की भी नियुक्ति की जाएगी. इस विधेयक में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए बाकायदा 6 सदस्यों की कमेटी बनाने की बात कही गई है. जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री होंगे. इस कमेटी में विधानसभा अध्यक्ष,विपक्ष के नेता,एक मंत्री के अलावा हाईकोर्ट के सिनियर जज ओर विजिलन्स कमिशनर होंगे.

कमेटी जिस नाम को सुझाएगी उसपर आखिरी फैसला चयन समिति के अध्यक्ष के तौर पर मुख्यमंत्री करेंगे. जिसके बाद उस नाम को गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास भेजा जाएगा और बाद मे राज्यपाल उसपर मुहर लगाएंगे. संविधान के अनुसार राज्‍य में लोकायुक्‍त की नियुक्ति राज्‍यपाल राज्‍य हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के परामर्श पर करता है लेकिन इस बिल के बाद गुजरात में लोकायुक्‍त की नियुक्ति करने के लिए सीएम से परामर्श लेना ही होगा.

गौर करने वाली बात है कि देश के 28 राज्‍यों में से 18 राज्‍यों में लोकायुक्‍त की नियुक्ति हो चुकी है. बाकी राज्‍य इसे लागू करने में थोड़ी ढिलाई बरत रहे हैं.

दुनिया की जानी मानी पत्रिका 'टाइम' की ओर किया गया "अप्रैल फूल" :

'टाइम' की ओर से जारी की गई दुनिया भर में वर्ष के प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में भारत से अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल किया गया है. केजरीवाल एकमात्र भारतीय हैं जिनका नाम इस सूची में शामिल किया गया है.