Friday, August 16, 2013

एक मोटर मैकेनिक कार के इंजन के पुर्जे खोलकर
सुधार रहा था कि तभी शहर के नामचीन हार्ट
सर्जन
उसकी गैराज में आ पहुँचे...
मैकेनिक ने डॉक्टर साहब से कहा,
' जरा इस इंजन को देखिये डॉक्टर साहब, मैंने
इसके
दिल को खोलकर वाल्व निकाले और सुधार कर
वापस
लगा दिये हैं..कुछ ऐसा ही काम आप भी करते
हैं..फिर
हमारी सैलरी में इतना अन्तर क्यों है...?
डॉक्टर साहब मुस्कुराये और धीरे से मैकेनिक के
कान
में बोले,
.
.
" यही काम तब करके दिखाओ जब इंजन चालू
हो "...

Tuesday, August 13, 2013

बड़ा आसान होता है एक नजर, दो लफ्जों और चार दिनों में राय बना लेना.. लेकिन क्या बेहतर न होता अगर तुम मेरे बारे में अपनी राय बनाने से पहले कम से कम दो क़दम मेरे साथ चल कर देखते.. मुझसे एक बार पूछ कर देखते.. मेरी जिंदगी, मेरी खुशियाँ और ग़म, मेरी दुविधाएं और परेशानिया, मेरे दर्द और अहसास समझने की एक बार कोशिश तो करते.

याद रखना तुम कि "कहानी हर किसी की होती है"..

फर्क बस इतना है कि कुछ कहानियाँ अपने निशां होठों पर छोडती हैं, तो कुछ सूखी लकीरें गालों पर.. अब इसमें मेरा क्या दोष अगर मेरा पूरा चेहरा ही स्याह है.
काम प्रेम की अभिव्यक्ति है . और यदि आप प्रेम से नहीं सिर्फ बेमन से काम कर सकते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपना काम छोड़ दें और मंदिर के गेट पर बैठ कर उनसे भीख लें जो ख़ुशी से काम करते हैं .
एक मोटर मैकेनिक कार के इंजन के पुर्जे खोलकर
सुधार रहा था कि तभी शहर के नामचीन हार्ट
सर्जन
उसकी गैराज में आ पहुँचे...
मैकेनिक ने डॉक्टर साहब से कहा,
' जरा इस इंजन को देखिये डॉक्टर साहब, मैंने
इसके
दिल को खोलकर वाल्व निकाले और सुधार कर
वापस
लगा दिये हैं..कुछ ऐसा ही काम आप भी करते
हैं..फिर
हमारी सैलरी में इतना अन्तर क्यों है...?
डॉक्टर साहब मुस्कुराये और धीरे से मैकेनिक के
कान
में बोले,
.
.
" यही काम तब करके दिखाओ जब इंजन चालू
हो "...