Tuesday, August 13, 2013

एक मोटर मैकेनिक कार के इंजन के पुर्जे खोलकर
सुधार रहा था कि तभी शहर के नामचीन हार्ट
सर्जन
उसकी गैराज में आ पहुँचे...
मैकेनिक ने डॉक्टर साहब से कहा,
' जरा इस इंजन को देखिये डॉक्टर साहब, मैंने
इसके
दिल को खोलकर वाल्व निकाले और सुधार कर
वापस
लगा दिये हैं..कुछ ऐसा ही काम आप भी करते
हैं..फिर
हमारी सैलरी में इतना अन्तर क्यों है...?
डॉक्टर साहब मुस्कुराये और धीरे से मैकेनिक के
कान
में बोले,
.
.
" यही काम तब करके दिखाओ जब इंजन चालू
हो "...

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